
पश्चिम बंगाल सरकार को हर बार देर से आंखे खुलती हैं। चाहे भारतीय परमानु करार की बात हो या आर्थिक विकास की या बर्ड फ़्लू का मामला। मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टचार्य ने भी देर से ही माना है कि राज्य में बर्ड फ़्लू की स्थिति अत्यंत गंभीर हैं। राज्य सरकार के सुस्ती के कारण यहां कि स्थिति गंभीर बन गयी हैं। पिछले दिनों कोलकाता के दक्षिणी और पूरबी हिस्सों में कई मरी हुई पक्षियाँ पायी गयी हैं।
पश्चिम बंगाल के तीन जिलों में बर्ड फ़्लू के खतरनाक एच 5 एच 1 वायरस से स्थिति गंभीर हो गई हैं। विश्व स्वास्थय संगठन(डब्लूएचओ) ने कहा है कि इस बार बर्ड फ़्लू का
ख़तरा ज़्यादा गभीर हैं क्योंकि पिछले मामलों की तुलना में इसका विस्तार क्षेत्र अधिक हैं और ये क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक हैं।
बीरभूम,दिनाजपूर,सियालदह और कालीघाट जैसे जगहों पर सिर्फ दुकाने बंद कर देने से गंभीर समसया का हल नहीं हो सकता हैं। सरकार को बडे पैमाने पर बर्ड फ़्लू जैसी बीमारी से बचने के उपाये बताने होगें। राज्यों को सील कर सुरक्षा का इंतजाम करना होगा।
बर्ड फ़्लू से पर्यटन क्षेत्र, विमान सेवा उधोग व अन्य व्यवसायों पर भी इसका कुप्रभाव असर पड़ रहा हैं। सरकार को समय रहते पुख़्ता इंतजाम करना होगा। जिससे बर्ड फ़्लू पर काबु पाया जा सके।
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